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Kerala Doctor Death News: Doctor Shahna Dies By Suicide After Wedding Called Off Over Dowry Demands

A 26-year-old doctor in Kerala’s Thiruvananthapuram has died by suicide after her boyfriend allegedly called off their wedding because her family failed to meet dowry demands.

The woman named Shahana was a PG student in the surgery department of Thiruvananthapuram Medical College, and she was found dead at her rented apartment on Tuesday (December 5) morning.

Following her death, Shahana’s relatives alleged that she died by suicide after her boyfriend refused to marry her as her family could not fulfil dowry demands.

His family allegedly demanded a significant dowry in the form of gold, land, and a BMW car. When Shahana’s family was unable to fulfil the demands, her boyfriend – who was also a representative of the Medical PG Doctors Association, ended their relationship.

Shahana’s father, who was working in the Middle East, died recently.

The Medical College Police has registered a case of unnatural death in the matter and the accused, identified as Dr Ruwise, was arrested by the police on Wednesday night.

Furthermore, Kerala Health Minister Veena George on Wednesday (December 6) ordered the Women and Child Development department to conduct a probe into the matter, and submit a report on the same.

Meanwhile, Kerala Women’s Commission Chairperson, Sathidevi, visited Shahana’s mother at her house on Wednesday. Sathidevi demanded an investigation into the case, adding that the women’s commission would seek a report on the action taken by police in the matter.

Sathidevi said that if it is established that the accused doctor’s family demanded a dowry from the victim, a case would be lodged against them under the Prevention of Dowry Act.

The state Minority Commission has also initiated a case on its own based on media reports on the matter.

In the wake of the charges against the accused doctor, the Medical PG Doctors Association relieved him of all his responsibilities within their organisation.

What to do if someone Blackmails you with Nude Photos | Video Call Blackmail se kaise bache?

Rights Against Blackmailing: कभी-कभी लोगों के सामने कुछ ऐसी मुश्किल सिचुएशन आ पड़ती हैं, जहां उनके लिए यह तय कर पाना मुश्किल हो जाता है कि वो इस समस्या के खिलाफ कोई कदम उठाएं या अपनी गोपनीयता को बचाने के लिए अपना शोषण होने दें. दरअसल, हम बात कर रहे हैं ब्लैकमेलिंग की. ज्यादातर मामलों में एक ब्लैकमेलर आमतौर पर आपसे पैसे या अपनी किसी नाजायज मांग को पूरा करने के लिए आपको मजबूर करता है और अगर आप एक महिला हैं तो वह आपसे सेक्सुअल फेवर की मांग भी कर सकता है. मांग पूरी ना होने पर वह आपकी पर्सनल या अश्लील फोटो या वीडियो को प्रसारित करने या आपके सम्मान को चोट पहुंचाने के लिए ब्लैकमेल करता है. ऐसे में लोग परेशान हो जाते हैं. उनको समझ नहीं आता कि क्या करें. आइए आज जानते हैं कि अगर कोई आपको ब्लैकमेल करता है तो ऐसी सिचुएशन में आपको क्या करना चाहिए.

उठाएं सख्त कदम

ऐसी सिचुएशन में सबसे पहले आप डरे नहीं. हिम्मत जुटाकर ऐसे ब्लैकमेलेर्स के खिलाफ कदम उठाएं. कई बार, एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नष्ट करने और उन्हें बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता है. भारत में ब्लैकमेलिंग और उत्पीड़न दोनों ही अपराध की श्रेणी में आते हैं. उत्पीड़न बुरे और गलत कामों की वजह से होता है, जबकि ब्लैकमेलिंग किसी व्यक्ति की गोपनीय जानकारी को पब्लिक करने या प्रचारित करने के लिए धमकियां देकर जबरदस्ती काम कराना होता है. भारत के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल के पिछले 2 सालों के दौरान ब्लैकमेलिंग के मामले बढे हैं. 

ब्लैकमेलिंग के अंतर्गत आते हैं ये काम

  • किसी व्यक्ति कि कोई सच्ची या झूठी गोपनीय जानकारी को पब्लिक करना या प्रचारित करने की धमकी देना. 
  • कोई ऐसी जानकारी जो व्यक्ति को किसी झूठे आपराधिक केस में फंसा सकती है.
  • शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक नुकसान से संबंधित कोई भी खतरा होना.
  • आमतौर पर अपराधी की मांगों को पूरा करने के लिए किया जाने वाला काम. जैसे पर्सनल प्रॉफिट, पद, धन, संपत्ति, बदला, शक्ति आदि. 

ब्लैकमेलिंग है एक गंभीर अपराध

भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 384 के अनुसार, ब्लैकमेलिंग को एक गंभीर अपराध माना गया है. ब्लैकमेलिंग को आपराधिक धमकी के बराबर माना जा सकता है. आपराधिक धमकी को भारतीय दंड संहिता की धारा 503 के मूल प्रावधानों के तहत अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है. वर्तमान में ‘चोरी अधिनियम 1968’ में ब्लैकमेलिंग की परिभाषा बताई गयी हैं. ब्लैकमेलिंग करने वाले व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के तहत भी दंड दिया जा सकता है. यह धारा किसी से जबरदस्ती वसूली करने के लिए दंड प्रदान करती है.

ब्लैकमेलिंग करने का तरीका ऑफलाइन या ऑनलाइन कुछ भी हो सकता है. इसकी शिकायत भी उसी आधार पर दर्ज होती है जिस परिस्थिति या प्रकृति में ब्लैकमेलिंग या उत्पीड़न हुआ है. आप अपनी तरफ से कम्प्लेन फाइल करने और ब्लैकमेलिंग के केस से निपटने के किसी कुशल वकील से सलाह ले सकते हैं. 

#blackmailing #laws #GK