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NRI पति ने मांगे 50 लाख,26 दिन में टूटी शादी:दहेज के लिए ग्वालियर की बेटी को आर्केटेक्ट पति ने बैंकॉक में घर से निकाला

ग्वालियर की एक बेटी की शादी पिता ने कई सपने देख NRI दामाद से की थी। बेटी ने भी शादी के बाद की जिंदगी के कई सपने संजोए थे, लेकिन यह कोई नहीं जानता था कि सिर्फ 26 दिन यह शादी चलेगी। इन 26 दिन में भी हर दिन प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी। बैंकॉक की रियटल इस्टेट कंपनी में बतौर सॉल्यूशन आर्केटेक्ट दामाद ने विदेश में ही 50 लाख रुपए के लिए पत्नी को घर से निकाल दिया।किसी तरह युवती एयरपोर्ट आई और अपने मिलने वालों व रिश्तेदारों से मदद मांगकर मुंबई पहुंची। यहां से फिर ग्वालियर आई है। शादी के 26 दिन में दहेज के लिए पति ने उसे 26 साल की प्रताड़ना दी है। महिला के साथ अननेचुरल सेक्स किया गया। हर दिन मारपीट की गई है। घटना 3 मई से 29 मई 2023 के बीच की है। पीड़िता ने अब महिला थाने में शिकायत की है। जिस पर उसके पति पर दहेज प्रताड़ना व अननेचुरल सेक्स करने पर मामला दर्ज किया है।


शहर के सिटी सेंटर निवासी 29 वर्षीय कामना (बदला हुआ नाम) की शादी 03 मई 2023 को दबोह भिण्ड निवासी अभि (बदला हुआ नाम) से हुई थी। अभिषेक बैंकाक की रियल स्टेट कंपनी में सोल्यूशन आर्किटेक्ट के पद पर पदस्थ है। शादी में ससुराल वालों की मांग के अनुसार कार, जेवर व नकदी दी गई। शादी होकर जब रानी ससुराल पहुंची तो उसकी दरवाजे की रस्म चल रही थी। जहां पर सास ने दरवाजे से प्रवेश करने के साथ ही ताना मारा कि उसके पिता ने उनकी हैसियत के अनुसार शादी नहीं की और कम दहेज दिया। सास के कड़वे शब्द उससे सहन नहीं हुए और किसी तरह अपने आंसू रोक कर अंदर पहुंची तो जेठ-जेठानी तथा अन्य ससुराल वाले भी ताने देने लगे। उसने सोचा कि कुछ समय में सब ठीक हो लेकिन समय और हर दिन के साथ ससुराल में जिल्लत व बेइज्जती बढ़ने लगी।


पति करता था अननेचुरल सेक्स, विरोध पर करता था मारपीट
जब उसने दहेज की लगातार मांग का विरोध किया तो पति ने उसके साथ अप्राकृतिक तरीके से सेक्स किया और साफ शब्दों में कह दिया कि जब तक उसे 50 लाख नहीं मिलेंगे, उसके साथ ऐसा ही व्यवहार होगा। आज की कल की लाइफ में यह सामान्य बात है। तीन दिन के बाद वह मायके आ गई। पहली बार पति लेने पहुंचा तो विदा कराने से पहले लड़की के पिता ने उसे दो लाख रुपए कैश दिया।


बैंकॉक में घर से निकाला, बमुश्किल पहुंची घर
25 मई को पति उसे अपने साथ बैंकॉक ले गया और वहां पर भी उसे प्रताड़ित कर गलत तरीके से दुष्कृत्य करता रहा। 29 मई को उसे घर से यह कहकर निकाल दिया कि वह उसके मैच की नहीं है। अपने पहचान व रिश्तेदारों से मदद मांगकर बैंकॉक से मुम्बई इंडिया का टिकट करवाया फिर ग्वालियर पहुंची है। पहले लड़की के पिता ने रिश्ता बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन आखिर में महिला थाना में शिकायत की गई। पुलिस ने शिकायत पर काउंसलिंग कराने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी तो पीडि़ता की शिकायत पर पति, सास-ससुर, जेठ-जिठानी व ननद के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

This is why K Pop Band ‘BTS’ found place in a bail order by Kerala High Court

The Kerala High Court on Thursday granted bail to a man who is accused of sexually molesting his 14-year-old daughter on several occasions. He was booked for offences punishable under the Protection of Children from Sexual Offences Act, 2012. But what was more interesting is the genesis of the case of sexual assault. It was the petitioner’s case that the POCSO case was filed after the victim was stopped from following a Korean pop band known as BTS as it was “un-islamic”.

The allegation against the petitioner is that he had sexually abused his minor daughter by touching and kissing her on her private parts, both at the residence as also in a hotel at Kochi’s Nedumbassery. This came to be known after the minor revealed these instances to her aunt, Ms. Hiba. The minor victim had started following the said band on the instigation of her aunt. Also, being aggrieved by the fact that the
petitioner had not permitted the victim to go on a school trip to Wayanad, the victim had raised absolutely false allegations, the petitioner argued.

Opposing the grant of bail, the Public Prosecutor vehemently opposed the grant of bail. He submits that the allegations against the petitioner are extremely serious. Though the investigation had been completed and final report has been filed, the petitioner
cannot be granted bail as the victim is none other than the daughter of the petitioner. Further, absolutely nothing was revealed during investigation which would suggest that this was a false complaint owing to the Aunt’s instigation.


What the Court said?

Justice Gopinath P granted bail after noting that even though the allegations were serious, certain facts put them to doubt.
“It is no doubt true that the allegations are serious. However, certain circumstances mentioned above, leads me to
conclude that there is a possibility that the allegations may be false.”

With this, the Court added that it may not be proper for the Court to make any conclusion regarding the matter. Since investigation has been completed and final report has been filed, continued detention of the petitioner is not necessary for the purpose of investigation, the Court said.

The only apprehension can be that since the victim is none than the daughter of the petitioner, there is every chance of the victim being influenced or intimidated, if the petitioner is granted bail. But the Court noted that the custody of the minor victim is now with her aunt, following orders issued by the Family court. “Therefore, necessary conditions can be imposed to ensure that the petitioner does not come into contact with the victim in any manner and the petitioner can be granted bail subject to conditions”, the Court reasoned while granting bail to the mail.