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राजस्थान: ‘मेरा तुमसे कोई लेना-देना नहीं, काली मां तुम्हारा नाश करेगी’ पति के नाम चिट्‌ठी छोड़ी, फिर रहस्यमयी ढंग से लापता हुई युवती

Jaipur News: ‘मेरा तुमसे कोई लेना-देना नहीं, काली मां तुम्हारा नाश करेगी’ पति के नाम चिट्‌ठी लिखकर रहस्यमयी ढंग से लापता हुई युवती को लेकर पुलिस जांच कर रही है। जयपुर कमिश्नरेट इलाके से लापता ये युवती बच्चों को स्कूल भेजने के बाद अचालन लापता हो गई थी। पति ने गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस भी ढूंढ़ने में जुटी है।

जयपुर: जयपुर कमिश्नरेट में एक विवाहिता के रहस्यमय ढंग से लापता होने का मामला सामने आया है। बच्चों को स्कूल भेजने और पति के घर से बाहर जाने के बाद विवाहिता गायब हो गई। गली मोहल्ले और रिश्तेदारों के पास तलाश करने पर विवाहिता के बारे में कोई पता नहीं चला। इसके बाद विवाहिता के पति ने भट्टा बस्ती थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई है। पति ने अपनी पत्नी की गुमशुदगी रिपोर्ट में बताया कि पिछले कुछ महीनों से वह अजीब हरकतें करने लगी। वह देवी देवताओं के आने की बातें करती थी और आए दिन बिना बात का झगड़ा भी करती थी। पति की रिपोर्ट के बाद पुलिस अब महिला की तलाश में जुटी है।

पति के नाम छोड़ी चिट्‌ठी, लिखा – काली मां तुम्हारा नाश करेगी

घर छोड़कर जाने से पहले महिला ने घर में पति के नाम एक पत्र छोड़ा था। चिट्‌ठी में पति से नाराजगी जताते हुए लिखा कि ‘मैं घर छोड़कर जा रही हूं। मेरा अब तुमसे और इस परिवार से कोई लेना-देना नहीं है। मैं विधवा की तरह रहूंगी।’ इस चिट्ठी में आगे लिखा है कि मेरा पति मेरे से मारपीट करता था। इसी में लिखा है ‘मैं तुम्हें श्राप देती हूं- काली मां तुम्हारा नाश करेगी।’ पीड़ित पति भट्टा बस्ती इलाके में पावर हाउस रोड पर अपने परिवार के साथ रहता है। उसकी शादी फरवरी 2007 में हुई थी। विवाहिता के दो बेटे भी हैं। दोनों बच्चों के स्कूल जाने के बाद विवाहिता लापता हुई। स्कूल से घर लौटे बच्चों को जब मां घर पर नहीं मिली तो उन्होंने पापा को फोन किया। पिता ने घर आए तो उन्हें घर में पत्र लिखा हुआ मिला।

तांत्रिक प्रभाव जैसी हरकतें करती थी

लापता विवाहिता के पति का कहना है कि पत्नी करीब 3 महीने पहले अचानक अजीब हरकतें करनी लगी थी। कथिततौर पर काली माता की छाया चढ़ने के नाम पर वह घर में इधर उधर घूमते हुए कई देवताओं की बार-बार जय बोलती थी। समझाने पर जोर-जोर से जय बोलन लग जाया करती थी। मना करने पर लड़ाई-झगड़ा करने लगती। डॉक्टर के पास चलने की बात कहने पर मारपीट पर उतारू हो जाती थी। पीहर वालों को बुलाकर समझाया, लेकिन वह किसी की नहीं मानती थी।

रेलवे स्टेशन पर खो गए थे भाई-बहन, 13 साल बाद एक दूसरे से मिले और मां की भर गई झोली… कहानी फिल्मी है

Agra News: हाथों में बेटा और बेटी की तस्वीर लिए दर-दर भटक रही मां को उम्मीद थी कि उसके बच्चे एक दिन जरूर लौट कर आएंगे। वह दोनों बच्चों को फिर से दुलार कर सकेगी। यह एक नहीं दो नहीं पूरे 13 वर्षों से अपने लापता बच्चों की आस में इंतजार की घड़ियां गिन रही मां का सपना अब पूरा होने वाला है। जल्द ही उसके बच्चे उससे मिल जाएंगे।

सुनील साकेत, आगरा: मां की पिटाई से नाराज 9 साल की राखी छोटे भाई को साथ लेकर घर से निकल तो आई, लेकिन उसे इतना पता नहीं था कि ये गुस्सा इसे अपने घर से इतना दूर कर देगा कि फिर वह उनसे मिलने के लिए तरस जाएगी। मगर जिनकी किस्मत में मिलन होता है। तो हर ताकत उनकी मदद में जुट जाती है। ये कहानी आगरा के ऐसे दो बच्चों की है। जो अपने घर से निकलकर ट्रेन में जा बैठे और फिर आगे के सफर में खुद भी बिछड़ गए। वे 13 साल तक अपने माता-पिता को खोजते रहे।

बात वर्ष 2010 की है। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व उनके पास बेंगलुरु से युवक का फोन कि वह अपनी बहन के साथ 13 साल पहले एक ट्रेन में बैठकर घर से निकल आया था। अब उसकी बहन गुरुग्राम में नौकरी करती है। उनको अपने परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। युवती ने अपनी मां की गर्दन पर जले के निशान बताया। मां-बाप के नाम को भी वे भूल चुके हैं। जब वे लापता हुए थे तो बहन की 9 वर्ष और उसकी उम्र 6 साल थी।

मेरठ पुलिस ने पहुंचाए अनाथालय
नरेश पारस ने बताया कि दोनों बच्चे 2010 में ट्रेन में लावारिस हालात में मेरठ पुलिस को मिले थे। रेलवे स्टेशन पर वे बिछड़ गए। पुलिस को वे अपना सही पता भी नहीं बता सके तो पुलिस ने उन्हें अनाथालय भेज दिया। दोनों अलग-अलग अनाथ आश्रम में रहे थे। 9 साल की राखी को नोएडा के अनाथालय भेजा गया। वहीं 6 साल के बबलू को लखनऊ के सरकारी अनाथालय में शिफ्ट किया गया।

समय का पहिया चलता रहा। इसके बाद जब वे बड़े हुए तो बहन राखी नोएडा के शॉपिंग मॉल में जॉब करने लगी। और भाई बबलू उधर बेंगलुरू में काम करने लगा। दोनों से जब उन्होंने संपर्क किया तो इनके घर का पता लगाना बड़ा मुश्किल था।

नरेश पारस ने मध्य प्रदेश में इन बच्चों की जानकारी ली। वहां इन नामों के बच्चे लापता नहीं मिले। ऐसे में उन्होंने आगरा गुमशुदा प्रकोष्ठ के अजय कुमार से संपर्क किया। आगरा में राखी और बबलू नामक लापता हुए बच्चों की जानकारी मांगी। अजय कुमार ने सभी थानों से जानकारी ली तो पता चला कि थाना जगदीशपुरा में यह दोनों बच्चे लापता हुए थे।

पुलिस जब उनके घर पहुंची तो पता चला कि उनकी मां किराए पर रहती थीं। वह मकान खाली करके जा चुकी थीं। इसके बाद पुलिस ने खोजबीन की तो उसका पता शाहगंज के नगला खुशी में मिला। बच्चों के फोटो महिला को तथा महिला के फोटो बच्चों को दिखाए तो उन्होंने आपस में पहचान लिया।

वीडियो कॉल पर कराई बात
नरेश पारस और गुमशुदा का प्रकोष्ठ के अजय कुमार ने अपने मोबाइल से दोनों बच्चों को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के माध्यम से कनेक्ट किया। बच्चों को देखते ही मां और नानी रोने लगीं। अपने बिछुड़े दोनों बच्चों को देखकर मां नीतू के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। मां रोते हुए कहने लगी कि बिटिया तू अपने साथ भाई को ले गई थी तुम्हारी याद में दिन-रात तड़पती रहती हूं। हर वक़्त इंतज़ार था कि कोई मसीहा बनकर आए और तुम्हारा बारे में जानकारी दे।