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भारत में जब भी वेश्यावृत्ति की बात की जाती है तो अधिकतर लोग इसे अनैतिक बताकर गलत ठहराने की कोशिश की जाती है तो कुछ लोग इसे संविधान के अनुच्छेद 19 व अनुच्छेद 21 का सहारा लेकर सही ठहराने की कोशिश करते है।

जो भी हो लेकिन अधिकतर लोग जो इसे जीवन यापन के रूप में चुनते है वे किसी ना किसी आर्थिक मजबूरी के कारण ही चुनते हैं।  

इसलिये आज हम वेश्यावृत्ति से संबंधित कानून व सुप्रीम कोर्ट के निर्णय क्या है उस पर बात करने जा रहे हैं।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने Buddhadeb Karmaskar Vs. State of West Bengal & Ors. के मामले को चुनते हुए कुछ दिशा-निर्देश जारी किये हैं-

वेश्यावृत्ति(Prostitution) पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय-

            “वेश्यावृत्ति एक पेशा है और सेक्स वर्कर्स कानून के    

तहत सम्मान और समान सुरक्षा के हकदार हैं।

                                                                                                      सुप्रीम कोर्ट

इस bench में जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना शामिल थे|  

सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) के निर्णय(Decision) की प्रमुख बातें-

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए वेश्यावृत्ति को भारतीय  संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत एक पेशा(Profession) माना है।

  • भारतीय इतिहास में यह पहला निर्णय है इस तरह का कि जब देश की सर्वोच्च अदालत वेश्यावृत्ति(Prostitution) को एक प्रकार से कानूनी मान्यता(Legal Recognition) देते हुए मूल अधिकारों की Category में माना है।
  • वेश्यावृत्ति(Prostitution) एक Profession है और साथ ही सेक्स वर्कर्स(Sex Workers) कानून के तहत सम्मान और समान सुरक्षा के हकदार हैं।   
  • यदि ये Clear हो जाये कि सेक्स वर्कर वयस्क(Sex Worker Adult) है और अपनी इच्छा से वेश्यावृत्ति में हैं तो पुलिस को इसमें हस्तक्षेप(interference) करने या उसके खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई करने से बचना चाहिए।
  • भारत में भारतीय  संविधान के अनुच्छेद-21 के अनुसार सभी व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन का अधिकार है।

वेश्यावृत्ति पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) द्वारा और क्या कहा गया है-

  • यदि कोई सेक्स वर्कर(Sex Worker) अपनी इच्छा से यौन संबंध(Sexual Relations) स्थापित करता है तो सेक्स वर्कर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार, दण्डित या छापेमारी के माध्यम से पीड़ित नहीं किया जा सकता है।
  • वेश्यावृत्ति(Prostitution) गैर-कानूनी(illegal) नहीं है, लेकिन वेश्यालय(Brothel)(ऐसी जगह जहां कोई दबावपूर्ण, लालच देकर वेश्यावृत्ति कराता है) का संचालन(Operate) करना गैर-कानूनी है।
  • यदि कोई सेक्स वर्कर निजी स्थान(घर आदि) पर अपनी इच्छा से यौन संबंध(Sexual Relations) स्थापित करती है तो पुलिस द्वारा केवल इस आधार पर छापेमारी या गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है।
  • पुलिस को सेक्स वर्कर्स(Sex Workers) के साथ कोई भेदभाव(Discrimination) नहीं करना चाहिए और जिस तरह आम नागरिकों के साथ व्यवहार किया जाता है उस तरह व्यवहार करना चाहिए।
  • सेक्स वर्कर्स(Sex Workers) के  नाबालिग बच्चे(Minor Children) को किसी भी स्थिति में उसकी माता से दूर नहीं किया जा सकता है।
  • किसी वेश्यालय(Brothel) पर छापेमारी के समय या पुलिस द्वारा अन्य कारणों से यदि किसी सेक्स वर्कर को Arrest किया जाता है तो मीडिया के सामने उस महिला को सार्वजनिक(Public) नहीं किया जा सकता।
  • यदि सेक्स वर्कर अपनी गिरफ्तारी के दौरान मीडिया या पब्लिक से अपना मुंह ढकना चाहती है तो पुलिस उसे ऐसा करने से मना नहीं कर सकती है।
  • क्या भारत में वेश्यावृत्ति कानूनी है या नहीं :- भारत में वेश्यावृत्ति Legal है क्योंकि भारत में कोई कानून ऐसा नहीं है जो वेश्यावृत्ति को Legal बताता हो और अलग-अलग कोर्ट द्वारा  वेश्यावृत्ति के संबंध में अलग-अलग निर्णय दिए गए, जैसे- 
  • बॉम्बे हाई कोर्ट का निर्णय:-  “कोई भी ऐसा कानूनी प्रावधान नहीं है जो वेश्यावृत्ति को गैरकानूनी करता  या इसके लिए सजा का प्रावधान करता हो”, 
  • लेकिन यह ध्यान देने वाली बात है कि वेश्यावृत्ति तो गैरकानूनी नहीं है लेकिन वेश्यावृत्ति से जुड़ी कई सारी Activities हैं जो The immoral Traffic(prevention) Act, 1956 के तहत गैर कानूनी ठहराया गया है।
  • क्या भारत में वेश्यावृत्ति गैर कानूनी है : 
  • वेश्यावृत्ति से संबंधित अवैध गतिविधियों के लिए सजा क्या है :-
  • The immoral Traffic(prevention) Act, 1956 का  Section 3 :- कहता है जो लोग वेश्यालय(Brothel) का प्रयोग कर रहे हैं, उनके लिए सजा का प्रावधान है उनको 1 साल से लेकर 3 साल तक सजा का प्रावधान है और यदि इस तरह की गतिविधियां दोबारा की जाती है तो 2 साल से लेकर 5 साल तक की सजा का प्राधावन है।
  • ITPA का Section – 4  :- बहुत से लोग जो 18 साल से ऊपर के हैं और जो दूसरों को देह व्यापार में धकेलकर पैसा कमाते हैं उनके लिए सजा का प्रावधान है 2 साल या 1000 रुपए या दोनों।
  • ITPA का Section – 5 :- यह उन लोगों के बारे में सजा का प्रावधान करता है जो दूसरों को देह व्यापार के लिए खरीदते हैं, प्रेरित करते हैं, ले जाते हैं (जैसे- पिछड़े हुए क्षेत्रों से खरीद कर व धोखा देकर बड़े-बड़े शहरों में लाते हैं) इनके लिए 3 साल से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
  • ITPA का Section – 6  :- यह उनको उनके लिए सजा का प्रावधान करता है जो brothel के मालिक होते हैं।
  • ITPA का Section – 7 :- यह उनके लिए सजा का प्रावधान करता है जो public places में वेश्यावृत्ति का कार्य करता है( public places मतलब जहां आम जनता का आना – जाना हो जैसे-अस्पताल धार्मिक जगह शैक्षिक संस्थान आदि।)
  • ITPA का Section – 8 :- यह उनके लिए सजा का प्रावधान करता है जो public places में जो (brothel) होते हैं उन में काम करने वाली महिलाएं आम जनता को उकसाती हैं जिससे आम जनता को परेशानी होती है उनके लिए सजा का प्रावधान है।
  • वेश्यावृत्ति में कौन सी धारा लगती है ?  :-
  • आईपीसी की धारा 372 :- यह धारा उन व्यक्तियों के लिए सजा का प्रावधान करती है , जो 18 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को वेश्यावृत्ति में धकेल देते है,  इसमें 10 साल तक का सजा का प्रावधान है।
  • IPC की धारा 373 :- यह धारा उन व्यक्तियों के लिए सजा का प्रावधान करती हैं जो 18 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को खरीदकर वेश्यावृत्ति के धंधे में डालते हैं इसमें 10 साल तक का सजा का प्रावधान है।
Categories: legal news